चंद्र ग्रहण 2025 – पूरी जानकारी
भारत में 7 सितंबर 2025 को वर्ष का दूसरा और अंतिम पूर्ण चंद्र ग्रहण (Blood Moon) लगने जा रहा है। यह खगोलीय घटना पितृ पक्ष की शुरुआत के साथ हो रही है, जिससे धार्मिक दृष्टि से इसका विशेष महत्व है। इस दौरान सूतक काल लागू रहेगा और ग्रहण का प्रभाव सभी राशियों पर देखा जाएगा।
ग्रहण का समय (IST अनुसार)
- पेनुम्ब्रल (मंद) ग्रहण: रात 8:58 बजे से शुरू
- आंशिक ग्रहण: रात 9:57 बजे से शुरू
- पूर्ण ग्रहण (ब्लड मून): रात 11:00 बजे से 12:22 बजे तक
- ग्रहण समाप्ति: रात 2:25 बजे (8 सितंबर)
➡ यह ग्रहण लगभग 5 घंटे 27 मिनट तक रहेगा, जिसमें पूर्ण ग्रहण का समय लगभग 82 मिनट होगा।
सूतक काल का समय
- सूतक प्रारंभ: दोपहर 12:57 बजे (7 सितंबर)
- सूतक काल ग्रहण से 9 घंटे पहले शुरू होता है।
- इस दौरान पूजा-पाठ, खाना पकाना, भोजन करना वर्जित माना जाता है।
- गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
ग्रहण का खगोलीय महत्व
- यह ग्रहण कुंभ राशि और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में होगा।
- चंद्रमा पृथ्वी की छाया में आकर लाल रंग का दिखाई देगा।
- खगोल विज्ञान और ज्योतिष में इसे विशेष घटना माना जाता है।
राशियों पर प्रभाव
राशि | संभावित प्रभाव |
---|---|
मेष | आर्थिक लाभ |
वृष | स्वास्थ्य में सुधार |
मिथुन | शिक्षा में सफलता |
कर्क | पारिवारिक सौहार्द |
सिंह | व्यापार में लाभ |
कन्या | यात्रा से लाभ |
तुला | मानसिक शांति |
वृश्चिक | सामाजिक मान बढ़ेगा |
धनु | आध्यात्मिक उन्नति |
मकर | आर्थिक स्थिरता |
कुंभ | मित्रों से सहयोग |
मीन | स्वास्थ्य लाभ |
ग्रहण के दौरान क्या करें
- सात्विक भोजन करें
- तुलसी के पत्ते भोजन में डालें
- ग्रहण के बाद स्नान और घर की सफाई करें
- ध्यान और मंत्र जाप करें
ग्रहण के दौरान क्या न करें
- मांसाहार, शराब और नशीले पदार्थों से बचें
- भोजन पकाना और खाना वर्जित
- गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए
निष्कर्ष
चंद्र ग्रहण 2025 न केवल खगोलीय घटना है, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी इसका बहुत महत्व है। सूतक काल के नियमों का पालन कर हम नकारात्मक प्रभावों से बच सकते हैं और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं। सभी राशियों पर इसका अलग प्रभाव होगा, इसलिए सावधानी और जागरूकता आवश्यक है।
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