रीवा जिले की त्योंथर विधानसभा से टिकट न मिलने से नाराज कांग्रेस नेता सिद्धार्थ तिवारी राज ने आखिरकार कांग्रेस का दामन छोड़ दिया है। बुधवार को उन्होंने भोपाल में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वी.डी. शर्मा मौजूद रहे और दोनों ने सिद्धार्थ को भाजपा की सदस्यता दिलाई।
सिद्धार्थ तिवारी कोई साधारण नाम नहीं हैं। वे मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे स्वर्गीय श्रीनिवास तिवारी के पोते हैं। कांग्रेस ने उन्हें वर्ष 2019 में रीवा लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार भी बनाया था।
टिकट वितरण को लेकर लंबे समय से चल रही नाराज़गी के बाद सिद्धार्थ का यह कदम न केवल कांग्रेस के लिए झटका माना जा रहा है बल्कि भाजपा के लिए रीवा संभाग में राजनीतिक रूप से बड़ा फायदा भी साबित हो सकता है।
👉 संक्षेप में कहा जाए तो रीवा की राजनीति में यह बड़ा उलटफेर है, जिसने कांग्रेस और भाजपा दोनों के समीकरणों को बदल दिया है।
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सिद्धार्थ तिवारी राज ने थामा भाजपा का दामन
रीवा जिले की त्योंथर विधानसभा से टिकट न मिलने पर नाराज़ चल रहे कांग्रेस नेता सिद्धार्थ तिवारी राज ने आखिरकार पार्टी छोड़ दी है। बुधवार को भोपाल में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ले ली। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वी.डी. शर्मा मौजूद रहे और दोनों नेताओं ने उन्हें भाजपा की सदस्यता दिलाई।
दरअसल, सिद्धार्थ त्योंथर विधानसभा से टिकट की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन 15 अक्टूबर को कांग्रेस द्वारा जारी प्रत्याशियों की सूची में उनका नाम शामिल नहीं था। पार्टी ने एक बार फिर से पूर्व प्रत्याशी रमाशंकर पटेल को टिकट दे दिया। इसी फैसले से नाराज़ होकर सिद्धार्थ तिवारी राज ने कांग्रेस से दूरी बना ली और भाजपा में शामिल हो गए।
सिद्धार्थ तिवारी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष स्व. श्रीनिवास तिवारी के पोते हैं। वर्ष 2019 में कांग्रेस ने उन्हें रीवा लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था।
सिद्धार्थ का भाजपा में शामिल होना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका और भाजपा के लिए रीवा संभाग में मजबूती माना जा रहा है।