दिल्ली-एनसीआर में भारी बारिश के बाद हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। लगातार हो रही बारिश से निचले इलाकों में पानी भर गया है और नोएडा के कई सेक्टरों में सड़कों पर घुटनों तक पानी जमा हो गया है। लोगों के घरों में भी पानी घुसने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
इधर, राजस्थान के अजमेर जिले में बोराज तालाब टूट जाने से बड़ा हादसा हो गया। तालाब टूटने के बाद आसपास के इलाकों में पानी घुस गया और करीब 1000 से ज्यादा घरों में बाढ़ का पानी भर गया। प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
वहीं, पंजाब में बारिश और बाढ़ की वजह से अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है। कई जिलों में हालात गंभीर बने हुए हैं। फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है, जिससे किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
👉 दिल्ली-एनसीआर से लेकर राजस्थान और पंजाब तक बारिश और बाढ़ का संकट अब लोगों की जिंदगी और रोजमर्रा की जरूरतों पर गहरा असर डाल रहा है।
बारिश से तबाही : पहाड़ से मैदान तक बाढ़ का कहर
भारी बारिश ने इस बार पहाड़ी राज्यों से लेकर मैदानी इलाकों तक हाहाकार मचा दिया है। दिल्ली-NCR में यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिसके चलते कई निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। नोएडा के सेक्टर-135 और सेक्टर-151 पूरी तरह डूब गए, वहीं कई जगहों पर 3 से 4 फीट तक पानी भर गया है।
हरियाणा में हालात गंभीर
लगातार बारिश और बाढ़ जैसे हालात को देखते हुए हरियाणा के पंचकूला, हिसार, रोहतक और झज्जर में सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। वहीं, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर और फरीदाबाद में भी कुछ स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी हुआ है। गुरुग्राम की सिग्नेचर ग्लोबल सलोरा सोसाइटी में गुरुवार को पानी भर जाने से महिलाएं और बच्चे घरों में कैद हो गए।
राजस्थान में तालाब टूटा, तबाही मची
राजस्थान के अजमेर जिले में गुरुवार रात बोराज तालाब की दीवार टूट गई, जिसके बाद अचानक 1 हजार से ज्यादा घरों में पानी घुस गया। तेज बहाव में कई गाड़ियां बह गईं और मकान क्षतिग्रस्त हो गए। लोग छतों पर चढ़कर जान बचाने को मजबूर हुए। देर रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
☠️ पंजाब में सबसे ज्यादा तबाही
पंजाब में बारिश और बाढ़ से अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य के 23 जिलों के 1,655 गांव प्रभावित हैं और लगभग 3.55 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। करीब 1.71 लाख हेक्टेयर जमीन पर खड़ी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। हालांकि राहत की खबर यह है कि अगले 5 दिनों तक राज्य में बारिश का अलर्ट नहीं है।
कुल मिलाकर, इस बार बारिश ने शहरों, गांवों और किसानों सभी को बेहाल कर दिया है। पहाड़ी इलाकों से निकला पानी अब मैदानी राज्यों में तबाही मचा रहा है और लाखों लोगों के जीवन पर संकट खड़ा हो गया है।
