जवा, मध्यप्रदेश।
जिला रीवा के जवा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले कुशमैदा गांव की तस्वीर आज भी बदहाल है। गांव के लोगों को न तो सड़क की सुविधा है और न ही आने-जाने का कोई पक्का रास्ता। बरसात के दिनों में हालात और भी बिगड़ जाते हैं, जब कीचड़ और दलदल से होकर ग्रामीणों को गुजरना पड़ता है।
ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 20 वर्षों में जितने भी सरपंच और प्रधान बने, उन्होंने गांव के विकास का वादा तो किया लेकिन कोई ठोस काम नहीं हुआ। हर बार पंचायत स्तर पर योजनाएं बनीं, फंड आया, लेकिन वह घोटालों और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।
गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि आज तक पंचायत की बैठक में सड़क निर्माण, नाली-नक्शा, बिजली और जल व्यवस्था जैसे मुद्दे उठाए गए, लेकिन जिम्मेदारों ने सिर्फ कागजों पर विकास दिखाया। इसी वजह से गांव को “आदर्श ग्राम पंचायत” का दर्जा तो मिला, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बच्चों को स्कूल जाने के लिए कई किलोमीटर पैदल कीचड़ और ऊबड़-खाबड़ रास्तों से गुजरना पड़ता है। बीमार व्यक्ति को समय पर अस्पताल तक पहुंचाना बहुत बड़ी चुनौती बन जाता है।
ग्रामीण महिला समिति की सदस्य सुनीता देवी बताती हैं—
“हम हर बार चुनाव में उम्मीद लगाते हैं कि इस बार सड़क बनेगी, लेकिन 20 साल से सिर्फ झूठे वादे ही सुन रहे हैं। पैसा आता है, लेकिन हमें कोई सुविधा नहीं मिलती।”
ग्रामीण अब प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि सड़क निर्माण और बुनियादी सुविधाओं को लेकर जल्द से जल्द ठोस कदम उठाए जाएं। साथ ही पिछले 20 वर्षों में पंचायत में हुए घोटालों की जांच हो और दोषियों पर कार्रवाई की जाए।
अगर हालात ऐसे ही बने रहे तो गांव का विकास सपना ही रह जाएगा और कुशमैदा गांव “आदर्श ग्राम पंचायत” सिर्फ नाम मात्र का तमगा बनकर रह जाएगा।